जगन्नाथ मंदिर के अनसुलझे रहस्य Mystery Of Jagannath Temple In Hindi

Jagannath Mandir Ke Rahasya
Jagannath Mandir Ke Rahasya

Jagannath Mandir Ke Ansuljhe Rahasya Jinhen Janne Ke Bad Aap Chauk Jayenge

भारत में कई ऐसे मंदिर है जिनके अंदर रहस्य भरे पड़े है इन मंदिरों में होने वाले चमत्कार को देखने के बाद लोग चौंक जाते है । इनमें से एक है पुरी का जगन्नाथ मंदिर कहते हैं इस मंदिर में भगवान कृष्ण की मृत्यु का रहस्य छुपा है वैज्ञानिक भी इस चमत्कार के आगे हैरान है । आइए जानते हैं जगन्नाथ मंदिर के अनसुलझे रहस्यों के बारे में, कहां जाता है द्वापर युग के बाद भगवान कृष्ण पुरी में निवास करने लगे इस मंदिर में कई अद्भुत घटना देखने को मिलती है जो अपने आप में खास है ।

हवा के विपरीत लेहराता ध्वज

जगन्नाथ मंदिर के ऊपर एक ध्वज है जो हमेशा हवा की विपरीत दिशा में लहराता है ऐसा होने की वजह का कोई पता नहीं लगा सका यह अनोखी बात हर किसी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है रोजाना शाम को इस मंदिर के झंडे को उल्टा चढ़कर बदला जाता है इस दर्ज पर भगवान शिव का चंद्र बना हैं ।

गुम्बद की परछाई नहीं बनती

यह मंदिर दिखने में अत्यंत भव्य है जो लगभग 4 लाख वर्ग फुट क्षेत्र में फैला है जबकि इसकी ऊंचाई लगभग 214 फुट है मंदिर इतना विशाल है कि इसका गुम्बद देखना मुश्किल है हैरानी की बात है गुम्बद की परछाई दिन के किसी भी समय दिखाई ही नहीं देती ।

सुदर्शन चक्र

पुरी में कई मंदिर है जहां पर मंदिर के ऊपर सुदर्शन चक्र लगा है देखने में यह चक्र आपको अपने सामने की और दिखाई देगा इसे नील चक्र भी कहते हैं यह अष्टधातु से बना है जिसे पवित्र और शुभ माना जाता है ।

हवा का रहस्य

आम दिनों में हवा समुद्र से जमीन की और चलती है जबकि शाम को इसके विपरीत लेकिन पूरी में इसका उल्टा है यहां हवा जमीन से समुंद्र की ओर बहती है ।

गुंबद के ऊपर नहीं उड़ता कोई पक्षी

आमतौर पर मंदिर के गुम्बद के आस पास पक्षी उड़ते हैं लेकिन जगन्नाथ मंदिर के गुम्बद के आस पास कोई पक्षी नहीं उड़ता , आज तक किसी ने पक्षियों को उड़ते हुए नहीं देखा । यहां तक की किसी विमान को भी यहां नहीं उड़ाया जाता , इसके पीछे का सच कोई नहीं जानता ।

Jagannath Mandir Ke Rahasya
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समुंद्र की आवाज

जैसे ही आप मंदिर के अंदर जाने के लिए अपना कदम रखेंगे तब आपको मंदिर के अंदर कोई आवाज सुनाई नहीं देगी जबकि मंदिर के बाहर कदम रखते ही आपको समुंद्र की आवाज सुनाई देने लगी ।

जगन्नाथ की मूर्ति का रहस्य

Jagannath Mandir Ke Rahasya
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पुरी में भगवान कृष्ण जगन्नाथ के रूप में विराजमान है उनके साथ भाई बलराम और बहन सुभद्रा भी है तीनों की मूर्तियां लकड़ी से बनी हुई है जिनका हर साल एक बार नवीनीकरण होता है । वैसे तो मूर्तियां नये सिरे से बनाई जाती है लेकिन उनका आकार और रुप पहले के समान ही रहता है कहां जाता है इन मूर्तियों की पूजा नहीं होती वह केवल दर्शन के लिए रखी गई है ।

सबसे बड़ा रसोईघर

जगन्नाथ मंदिर में लगभग 500 रसोई और 30 सहयोगी मिलकर प्रसाद तैयार करते हैं लगभग 20 लाख भक्त यहां भोजन ग्रहण करते हैं कहां जाता है मंदिर का प्रसाद कभी कम नहीं पड़ता । एक अनोखी बात यह है कि यहां प्रसाद बनाते समय 7 बर्तन रखे जाते हैं जिन्हें एक के ऊपर एक रखा जाता है , सारा भोजन लकड़ी पर ही पकाया जाता है हैरानी की बात यह है कि सबसे ऊपर के बर्तन में भोजन जल्दी पकता है जबकि नीचे के बर्तनों में बाद में ।
हर साल भगवान की मूर्ति बदली जाती है लेकिन लकड़ी का लट्ठा नहीं बदलता इसे आज तक पुजारीयो ने भी नहीं देखा , कहते हैं कि जब मूर्ति बदली जाती है तो मंदिर के पुजारी आंखों पर पट्टी बांधते हैं और हाथ कपड़े से ढके जाते हैं पुजारी ना तो इसे देख पाते हैं और ना ही छू सकते हैं । पुजारी बताते हैं यह बहुत कोमल होता है जो भी इसे देख लेगा उसकी जान भी जा सकती है इस डर से उसे कोई नहीं देखता ।

जगन्नाथ मंदिर का खजाना 

जगन्नाथ मंदिर की वार्षिक आय करी करीब 50 करोड़ है जबकि मंदिर की संपत्ति 250 करोड़ के करीब है कहते हैं मंदिर का खजाना इससे भी कहीं ज्यादा है , इसके खजाने में पैसे , जवाहारात और रत्न भरे पड़े हैं लेकिन अब इसके खजाने की यह चाबी गायब हो गई है ।

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