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Kedarnath Mandir Ka Rahasya |
Kedarnath Mandir Ka Rahasya Jisse Jankar Aap Hairan Rah Jayenge
भगवान शिव देवों के देव है इसलिए उन्हें महादेव कहां जाता है भगवान शिव जी के कई रहस्यमय मंदिर है जो अपने चमत्कार से लोगों को अपनी और आकर्षित करते हैं । आज ऐसे ही एक मंदिर के बारे में हम बात करेंगे जहां शिव जी ने अपना अद्भुत चमत्कार दिखाया था हम बात करेंगे केदारनाथ मंदिर के रहस्यों के बारे में , भगवान शिव स्वयं प्रकट हुए केदारनाथ मंदिर को बचाने के लिए 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ पर्वतों के राजा हिमालय की केदार नामक चोटी पर स्थित है । यह बात साल 2013 की है जब केदारनाथ के समीप स्थित मंदाकिनी नदी ने पहले का रूप धारण कर लिया जो कुछ भी उसके रास्ते में आया उसे ये अपने साथ बहाकर ले जा रही थी लेकिन महादेव के सामने किसी की नहीं चलती यह बात सिद्ध हुई इस प्रलय के दौरान ।
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Kedarnath Mandir Ka Rahasya |
भोलेनाथ के चमत्कार से मंदाकिनी के प्रलयकारी विकराल रूप ने आस पास के सभी देवालयों को अपने साथ वहां लिया और उसकी लेहरे लगातार केदारनाथ धाम से टकरा रही थी । मंदाकिनी नदी का साहस इतना बढ़ गया था कि वह केदारनाथ को भी अपने साथ बहाकर ले जाना चाहती थी तभी इस तबाही को रोकने के लिए मंदिर के आगे कुछ सिलाऐ प्रकट हुई जिन्होंने मंदिर को मंदाकिनी की चोटों से बचा लिया और मंदाकिनी का अहंकार तोड़ दिया । भक्तों की माने तो यह स्वयं भगवान शिव थे जिन्हें केदारनाथ धाम की रक्षा के लिए स्वयं प्रकट होना पड़ा केदारनाथ धाम को आने वाले भक्तों द्वारा आज यह शिला 'भीम शिला' के रूप में पूजी जाती है ।
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Kedarnath Mandir Ka Rahasya |
इसके अलावा जैसा कि आप सभी जानते हैं महादेव शिव की सवारी नंदी बैल है जिसकी प्रतिमा इस मंदिर के बाहर स्थित है लेकिन मंदाकिनी की लहरें इस मूर्ति को बहाना तो दूर खरोच तक नहीं लगा पायी । केदारनाथ धाम के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ था की मंदिर का पट खुलने के बाद भी कई दिनों तक यहां पूजा पाठ नहीं हो पाया था लेकिन शिव जी के चमत्कार से शिवलिंग पर बेलपत्र मिलते थे ऐसा लगता था कि मानों ताजा बेलपत्र शिवलिंग पर किसी ने चढ़ाए हो । इस मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं लेकिन भक्तों का कहना है कि मंदिर के कपाट बंद होने के बावजूद भी मंदिर से घंटीयो की आवाज आती रहती है और शिवलिंग के ऊपर ताजा बेलपत्र चढ़े हुए मिलते हैं । दर्शनार्थीयो का कहना है कि इस काल में स्वय देवता गण महादेव की पूजा करते हैं ।
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Kedarnath Mandir Ka Rahasya |
यहां शीतऋतु में भारी बर्फबारी होती है जिस कारण मंदिर 6 महीने के लिए बंद कर दिया जाता है और जब 6 महीने बाद मंदिर के कपाट खुलते हैं तब भी मंदिर के अंदर दिप चलते रहता है । इसके अलावा मंदिर में स्थित नंदी बैल को किसी भी प्रकार की कोई क्षति नहीं पहुंची बल्कि पांडवों समेत मंदिर की सारी मूर्तियां खंडित हो चुकी है मंदाकिनी अपनी लहरों के साथ ढेर सारा मलवा लेकर आई थी जो मंदिर में भर गया था । लेकिन भगवान शंकर के चमत्कार से इतने मलबे के बीच शिवलिंग आज भी सुरक्षित है ।
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