Bermuda Triangle Ka Rahasya Jisse Puri Duniya Hairan Hai
बरमूडा ट्रायंगल पूरी दुनिया के लिए एक रहस्य बना हुआ है जिसका रहस्य आज तक वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाए है बरमूडा ट्रायंगल जिसे डेविल ट्रायंगल भी कहां जाता है । यह पिछले 300 सालों से रहस्य बना हुआ है ऐसा माना जाता है अब तक 2 हजार जलपूत और 70 से भी ज्यादा वायुयान इस डेविल ट्रायंगल में समा चुके हैं । बरमूडा ट्रायंगल को लेकर अब तक कई थ्योरी दुनिया के सामने आ चुकी हैं किसी ने यहां पर एलियन तो किसी ने यहां भूतों का साया बताया । बरमूडा ट्रायंगल को लेकर सबके अपने अपने तथ्य हैं लेकिन कुछ लोग इसे पौराणिक मान्यताओं और सतयुग से जोड़ते हैं कहां जाता है बरमूडा ट्रायंगल की कहानी हनुमान जी से जुड़ी हुई है । बरमूडा ट्रायंगल का पता लगाने के लिए कई महान वैज्ञानिकों ने प्रयास किया लेकिन वह हर बार असफल ही रहे, वास्तव में बरमूडा ट्रायंगल कोई जगह नहीं है बल्कि यह प्यूटरीको, फ्लोरिडा और बरमूडा इन तीनों को आपस में जोड़ने वाली रेखाओं का स्थान है जो कि समुंद्र के बीचो बीच स्थित है ।
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Bermuda Triangle Ka Rahasya |
रामायण में एक घटना का जिक्र किया गया है इस घटना में जब हनुमान जी माता सीता की खोज के लिए समुंद्र पार कर जा रहे होते हैं तो एक राक्षसी जिसका नाम सिंघनी था वह हनुमान जी की परछाई पकड़कर उन्हें मारने का प्रयास करती है । लेकिन बदले में हनुमान जी उस राक्षसी का वध कर देते हैं उस राक्षसी को वरदान था कि वह आसमान में उड़ने वाले किसी भी परछाई को पकड़कर उसका शिकार कर सकती थी । कहां जाता है कि उस राक्षसी की शक्तियां ही बरमूडा ट्रायंगल में कैद हैं उसी के चलते ही ऐसा होता है । इसके अलावा रामायण में एक कहानी और भी है इसके अनुसार लंकापति रावण ने भगवान शिव की घोर तपस्या कर उनसे कई वरदान प्राप्त कर इन्हीं वरदानों में रावण को भगवान शिव से एक मणि भी मिली थी । यह मणि इतनी शक्तिशाली थी कि इसके बल पर रावण ने देवताओं तक को हरा दिया था, मणि की वजह से बढ़ते रावण के अहंकार के कारण भगवान शिव ने रावण से मणि को वापस लेने की योजना बनाई । भगवान शिव ने संत का रूप धारण किया और वह लंका पहुंच गए और भिक्षा मांगने लगे, शिव के भिक्षा मांगने पर रावण की पत्नी मंदोदरी उन्हें भिक्षा देने आयी । तब भगवान शिव ने बड़ी चालाकी से उनसे रावण की मणि मांग ली, हालांकि मंदोदरी मन ही मन यह जान गई थी यह कोई मामूली संत नहीं है इसलिए उन्होंने बिना देर किए रावण की मणि भगवान शिव को सौंप दी ।
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Bermuda Triangle Ka Rahasya |
जब मणि रावण से छीन गई तो उसकी आधी शक्ति उसके पास से चली गई मणि ना होने की वजह से जब राम जी ने रावण की नाभि पर तीर मारा तो नाभि में स्थित अमृत सुख गया जोकि मणि के रहते नहीं सुख पाता था, इस तरह भगवान राम रावण को मारने में सफल रहे । भगवान शिव रावण के पास से मणि को तो ले आए थे, लेकिन मणि का तेज इतना अधिक था कि वह अपने आस पास की चीजों को अपनी ओर आकर्षित कर लेती थी । इस समस्या का निवारण करने और मणि को सुरक्षित स्थान पर रखने की जिम्मेदारी भगवान शिव ने हनुमान जी को दी । हनुमान जी ने उस मणि को अटलांटिक महासागर के अंदर गहरे पानी में रख दिया, कुछ लोगों का कहना है जहां यह मणि रखी हुई है वह कुछ और नहीं बल्कि बरमूडा ट्रायंगल हीं है । किंवदंतियों के मुताबिक मणि के तेज की वजह से ऊपर से गुजरने वाले विमान समुंद्र की ओर आकर्षित हो जाते हैं और समुंद्र में समा जाते हैं । मणि में सब कुछ अपनी और आकर्षित करने की क्षमता थी शायद इसीलिए ऐसा होता है । इससे यह साबित होता है कि बरमूडा ट्रायंगल हनुमान जी ने बनाया था उन्होंने रावण की मणि यानी उसकी शक्तियों को छुपाकर रखा है, लंबे समय से यह बेहद डरावना रहस्य बना रहा ।
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Bermuda Triangle Ka Rahasya |
आखिर इतने सारे जहाज कहां गायब हो गए इनके डूबने की भी पुष्टि नहीं हो पाई, क्योंकि ना ही इन जहाजों का कोई मलवा मिला और ना ही इनमें सफर करने वालों में कोई जीवित या मुर्दा मिला । अब जहाजों को इसके नजदीक से निकलने पर रोक लगा दी गई है बरमूडा ट्रायंगल का रहस्य सुलझाने के लिए वैज्ञानिकों ने कई प्रयास किए हैं लेकिन सभी नाकाम रहे । वैज्ञानिकों का निष्कर्ष है यहां पर हवा के घुमावदार दबाव के कारण एयरबोम्ब बनते हैं जो बहुत ही शक्तिशाली होते हैं इनके कारण ही यहां आने वाली हर चीज नष्ट हो जाती है ।
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