Tirupati Balaji Ke Rahasya Jinhen Janne Ke Bad Aap Chauk Jayenge
आज हम आपको तिरुपति बालाजी के रहस्यों के बारे में बताएंगे जिन्हें जानकर आप हैरान रह जाएंगे । तिरुपति बालाजी को भारत के सबसे अमीर देवताओं में से एक माना जाता है यहां देश से ही नहीं विदेश से भी लोग तिरुमला की पहाड़ी पर भारी संख्या में आते हैं । ऐसा माना जाता है कि यहां भगवान तिरुपति बालाजी अपनी पत्नी पद्मावती के साथ तिरुमला में निवास करते हैं यहां के स्थानीय लोगों का कहना है यहां सच्चे दिल से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है और जब किसी भक्त की दिल की मुराद पूरी होती है तो वह यहां आकर अपने बालों का दान भी करते हैं । भगवान तिरुपति बालाजी को वेंकटेश्वर, श्रीनिवास और गोविंदा के नाम से भी जाना जाता है । तिरुपति बालाजी का यह चमत्कारी मंदिर आंध्रप्रदेश के तिरुमला पहाड़ पर बना है यहां होने वाले चमत्कार के कारण यह मंदिर विख्यात है, यहां से कई मान्यताएं जुड़ी हुई है जिन्हें जानने के बाद आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे ।
Tirupati Balaji Ke Rahasya |
- ऐसा कहां जाता है कि वेंकटेश्वर जी की मूर्ति पर लगे बाल बिल्कुल असली है यह बाल आपस में कभी उलझते नहीं है और हरदम मुलायम रहते हैं ।
- कहते हैं जब 18 वीं शताब्दी में मंदिर की दीवार पर ही कुछ लोगों को फांसी दी गई थी तब इस मंदिर को पूरे 12 वर्ष के लिए बंद कर दिया गया था क्योंकि उस समय वहां के राजा ने 12 लोगों को मौत की सजा दी थी और उन्हें मंदिर के गेट पर लटका दिया था ।
- अगर आप भगवान तिरुपति बालाजी की मूर्ति पर कान लगाकर सुने तो आश्चर्यचकित हो जाएंगे, क्योंकि जब आप कान लगाएंगे तो आपको समुद्र की आवाजें सुनाई देंगी और इसी कारण बालाजी की मूर्ति हमेशा ही गिली रहती है ।
- मंदिर में मुख्य द्वार के दरवाजे के दाई और एक छड़ी है कहां जाता है इसी छड़ी से बालाजी के बाल रूप में पिटाई की गई थी, जिस कारण उनकी ठोड़ी पर चोट लग गई थी । तब से लेकर आज तक उनकी थोड़ी पर हमेशा से ही चंदन का लेप लगाया जाता है ताकि उनका घाव भर जाए ।
Tirupati Balaji Ke Rahasya |
- बालाजी के इस मंदिर में एक दीया हमेशा ही चलता रहता है इसमें ना कभी तेल डाला जाता है और ना ही घी । आश्चर्य की बात तो यह है कि कोई नहीं जानता कि यह दिया कब और किसने जलाया था ।
- जब आप बालाजी की मूर्ति को गर्भ ग्रह से देखेंगे तो भगवान की मूर्ति मंदिर के गर्भ गृह के मध्य में दिखाई देगी लेकिन जब आप इसे बाहर से देखेंगे तो पाएंगे मूर्ति मंदिर के दाईं ओर स्थित है ।
- बालाजी की प्रतिमा पर एक खास तरह का पचाई कपूर लगाया जाता है अगर इसे किसी भी पत्थर पर चढ़ाया जाता है तो वह कुछ समय बाद ही चटक जाता है ।
- मंदिर में मूर्ति पर जितने भी फूल, पत्ति, और तुलसी के पत्ते चढ़ते हैं वह सब के सब भक्तों को न देकर पीछे स्थित एक जल कुंड में विसर्जित किया जाता है ।
Tirupati Balaji Ke Rahasya |
- प्रत्येक गुरुवार के दिन तिरुपति बालाजी को पूर्ण रूप से पूरी मूर्ति पर चंदन का लेप लगाया जाता है और जब उसे हटाया जाता है तो वहां खुद वा खुद ही माता लक्ष्मी की प्रतिमा उभर आती है ऐसा क्यों होता है यह आज तक नहीं पता चल पाया है । भगवान तिरुपति बालाजी को प्रतिदिन नीचे धोती और ऊपर साड़ी से सजाया जाता है ।
- मंदिर से 23 किलोमीटर दूर एक गांव है उस गांव में बाहरी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित है वहां पर लोग नियम से रहते हैं वहीं से लाये गये फूल भगवान को चढ़ाए जाते हैं और वही की वस्तुओं को चढ़ाया जाता है जैसे दूध, घी और मक्खन आदि ।
- तिरुपति मंदिर में भक्तों द्वारा बहुत ही दान किया जाता है मान्यतानुसार इस मंदिर में दान करने की परंपरा विजयनगर के राजा कृष्णदेव राय के समय से ही चली आ रही है । राजा कृष्णदेव राय इस मंदिर में हीरे, सोने और चांदी का दान किया करते थे ।
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2 टिप्पणियाँ
क्या हम imformation use करके youtube पर वीडियोस बना सकते है ,
जवाब देंहटाएंHa bana lijiye
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