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Bharat Ke Rahasyamayi Mandir |
Bharat Ke Sabse Rahasyamayi Mandir Jin Per Aapko Yakin Nahin Hoga
भारत में बहुत से ऐसे मंदिर है जो अपनी किसी ना किसी विशेषता और चमत्कार के लिए जाने जाते हैं । भारत में सबसे ज्यादा चमत्कार मंदिरों में होते हैं इसलिए यह मंदिर विश्व विख्यात है और भारत से ही नहीं बल्कि देश विदेश से लोग इन्हें देखने के लिए आते हैं । इन मंदिरों के राज आज तक कोई नहीं जान पाया, आइए जानते हैं भारत के सबसे रहस्यमयी मंदिरों के बारे में ।
Karni Mata Temple
करणी माता का ये मंदिर जो बीकानेर में स्थित है बहुत ही अनोखा मंदिर है इस मंदिर में रहते हैं लगभग 20 हजार काले चूहे , लाखों की संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूरी करने आते हैं । करणी देवी जिन्हें दुर्गा का अवतार माना जाता है इनके मंदिर को 'चूहों वाला मंदिर' भी कहां जाता है यहां चूहों को काबा कहते हैं इन्हें बकायदा भोजन कराया जाता है और इनकी सुरक्षा की जाती है । यहां कितने चूहे हैं कि आपको पाऊं संभालकर चलना होगा अगर एक चूहा भी पैर के नीचे आ गया तो अपशकुन माना जाता है कहां जाता है एक चूहा भी आपके पैर के ऊपर से गुजर गया तो आप पर देवी की कृपा हो गई और यदि आपने सफेद चूहा देख लिया तो आपकी मनोकामना पूर्ण हुई समझो ।
Kanyakumari Devi Temple
कन्याकुमारी पॉइंट को इंडिया का सबसे निचला हिस्सा माना जाता है यहां समुद्र तट पर ही कुमारी देवी का मंदिर है यहां मां पार्वती के कन्या रूप को पूजा जाता है यह देश में एकमात्र ऐसी जगह है जहां मंदिर में प्रवेश करने के लिए पुरुषों को कमर के ऊपर के वस्त्र उतारने होंगे । पौराणिक कथा के अनुसार इस स्थान पर देवी का विवाह सम्पन्न ना हो पाने के कारण बचे हुए दाल चावल बाद में कंकर पत्थर बन गए , कहां जाता है इसलिए कन्याकुमारी के बीच यहां रेत में दाल और चावल के रंग रूप वाले पत्थर बहुत मिलते हैं यह पत्थर दाल और चावल के ही आकार के ही होते हैं ।
यदि आप मंदिर दर्शन को गए हैं तो यहां पर सूर्यास्त और सूर्योदय भी देखें कन्याकुमारी अपने सनराइज दृश्य के लिए काफी प्रसिद्ध है ।
Maruriligion Spot, Kailash Parvat
हिमालय पर्वत की उच्चतम श्रृंखला में मानसरोवर में यह बहुत पवित्र जगह है पौराणिक कथाओं के अनुसार यहां भगवान महादेव स्वयं विराजमान है यह धरती का केंद्र है , दुनिया के सबसे ऊंचे स्थान पर स्थित कैलाश मानसरोवर के पास ही कैलाश और मेरुपर्वत स्थित है । यह संपूर्ण क्षेत्र शिव और देवलोक कहां गया है रहस्य और चमत्कार से परिपूर्ण इस स्थान की महिमा वेद और पुराणों में भरी पड़ी है ।
Somnath Temple
सोमनाथ मंदिर एक महत्वपूर्ण हिंदू मंदिर है जिसकी गिनती 12 ज्योतिर्लिंगों में सर्वप्रथम ज्योतिर्लिंग के रूप में होती है प्राचीन काल में इसका शिवलिंग हवा में झूलता था लेकिन आक्रमणकारियों ने इसे तोड़ दिया । माना जाता है कि 24 शिवलिंगो की स्थापना की गई थी इनमें सोमनाथ का शिवलिंग बीचो बीच था । इनमें कुछ शिवलिंग आकाश में स्थित कर्क रेखा के नीचे आते हैं गुजरात के सौराष्ट्र में क्षेत्र में वेरावल बंदरगाह में स्थित इस मंदिर के बारे में कहां जाता है कि इसका निर्माण स्वयं चंद्रदेव ने किया था , इसका उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है इस स्थान को सबसे रहस्यमय माना जाता है । यदुवंशियों के लिए यह प्रमुख स्थान है इस मंदिर को अब तक 17 बार नष्ट किया गया है और हर बार इसका पुनः र्निर्माण किया गया है । यही भगवान श्रीकृष्ण ने देह त्याग किया था , श्रीकृष्ण भालूकातीर्थ पर विश्राम कर रहे थे । तभी शिकारी ने उनके पैर के तलवे में पदम चीन को हिरण की आंख जानकर धोखे में तीर मारा था , तभी कृष्ण ने देह त्याग कर वैकुंठ गमन किया । इस स्थान पर बढ़ाई सुंदर कृष्ण मंदिर बना हुआ है ।
Ajanta Ellora Temple
अजंता एलोरा की गुफाएं महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर के समीप स्थित है यह गुफाएं बड़ी बड़ी चट्टानों को काटकर बनाई गई है 29 गुफाएं अजंता में तथा 34 गुफाएं एलोरा में है । इन गुफाओं को वर्ल्ड हेरिटेज के रूप में संरक्षित किया गया है इन्हें राष्ट्रकूट वंश के शासकों द्वारा बनवाया गया था । इन गुफाओं के रहस्य पर आज भी शोध जारी है यहां ऋषि मुनि और भकक्षी गहन तपस्या और अध्ययन करते थे ।
Kal Bhairav Temple Ujjain
इस मंदिर के बारे में सभी जानते हैं कि यहां की काल भैरव की मूर्ति मदिरापान करती है इसलिए यहां मंदिर में प्रसाद की जगह शराब चढ़ाई जाती है यही शराब यहां प्रसाद के रूप में भी बाटी जाती है । कहां जाता है काल भैरवनाथ इस शहर के रक्षक है इस मंदिर के बाहर साल के 12 महीने और 24 घंटे शराब उपलब्ध रहती है ।
Jwala Devi Temple
ज्वाला देवी का मंदिर हिमाचल के कांगड़ा घाटी के दक्षिण में 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह मां सती के 51 शक्तिपीठों में से एक है यहां माता की जीभ गिरी थी । हजारों वर्षों से यहां स्थित देवी के मुख से अग्नि निकल रही है इस मंदिर की खोज पांडवों ने की थी इस मंदिर में अलग अग्नि की नौ लपटें हैं जो अलग अलग देवियों को समर्पित है । वैज्ञानिकों के अनुसार यह मृत ज्वालामुखी की अग्नि हो सकती है हजारों साल पुराने मां ज्वाला देवी के मंदिर में जो नौ ज्वालाऐ प्रजबलित है वह नौ देवियों महाकाली , महालक्ष्मी , सरस्वती , अन्नपूर्णा , चंडी , विंध्यवासिनी , हिंगलाज भवानी , अंबिका और अंजना देवी के ही स्वरूप है ।
कहां जाता है सतयुग में मां काली के परम भक्त राजा भूमिचंद ने स्वप्न से प्रेरित होकर यह भव्य मंदिर बनवाया था जो भी सच्चे मन से इस रहस्यमय मंदिर के दर्शन के लिए आता है वह कभी खाली नहीं जाता , उसकी सारी मनोकामना पूरी हो जाती है ।
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