ईश्वर कौन है उन्हें प्राप्त कैसे करें Who Is God & How To Get God In Hindi

 

Ishwar Kaun Hai
Ishwar Kaun Hai

Ishwar Kaun Hai Aur Unhen Prapt Kaise Karen


हम सभी लोग सोचते हैं कि ईश्वर(भगवान) कौन है? भगवान कहां से आए? कुछ लोग तो जीवन भर भगवान से अपरिचित रहते हैं । भगवान से ही इस सृष्टि का निर्माण हुआ है अतः भगवान इस सृष्टि के कण-कण में समाए हुए हैं या विद्यमान रहते हैं । भगवान की गिनती नहीं की जा सकती परंतु हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की संख्या 33 करोड़ मानी गई है । भगवान ने किसी धर्म का जन्म नहीं किया यह तो हम लोगों का बनाया हुआ है । यहां पर सभी धर्मों को संबोधित करते हुए मैं कहना चाहता हूं 'ईश्वर एक है उसके रूप अनेक है ।' तो फिर हम किसी भी धर्म के हो हमें केवल ईश्वर का ध्यान करना चाहिए, जिससे की हम मोक्ष को प्राप्त कर सकें और जन्म मरण के चक्र से पार हो सके । आज हम आपको बताएंगे ईश्वर कौन है और उन्हें प्राप्त कैसे करें ।



ईश्वर(भगवान) कौन है


देखिए भगवान की परिभाषा मेरे अनुसार इस प्रकार से है 'एक ईश्वरीय शक्ति जो हमारी इस जन्म में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मदद करती है वही भगवान है ।' वास्तव में भगवान शब्द का अर्थ इस प्रकार से है 


भगवान =भ+ग+व+अ+न 


भ - भूमि


ग - गगन


व - वायु


अ - अग्नि


न - नीर


इससे यह सिद्ध होता है कि भगवान हर जगह पर उपस्थित है ।



ईश्वर को प्राप्त कैसे करें


अब बात यह आती है कि ईश्वर को प्राप्त कैसे किया जाए? किसी भी देवी-देवता की पूजा करके इस जन्म मरण के चक्र से पार हो सकते हैं इसके लिए कुछ प्रमुख बातें होना आवश्यक है । 


खानपान


विचार


आचरण


हमारी उत्पत्ति भी ईश्वर से हुई है जिस प्रकार समुंद्र की एक बूंद में समुंद्र के सभी गुण विद्यमान होते हैं उसी प्रकार हमारे अंदर भी ईश्वर होते हैं परंतु सच्ची भक्ति से ही इन्हें प्राप्त किया जा सकता है । जिस प्रकार बर्फ पानी से जमकर बनती है तथा फिर पिघलकर पानी बन जाती है उसी प्रकार हम भी ईश्वर से बने हैं मृत्यु के पश्चात हमें भी ईश्वर के पास जाना है । प्रत्येक दिन कहीं ना कहीं किसी न किसी की मृत्यु होती है परंतु कोई इस पर ध्यान ही नहीं देता । हमें अपने मन के अंदर यह बात रखनी चाहिए और खान-पान, आचरण और विचारों को शुद्ध करना चाहिए । खानपान से तात्पर्य मांस मंदिरा या किसी भी प्रकार के दूषित खाने से हैं । आज हम अपनी गौ माता को नहीं बचा पा रहे कुछ लोग हमारी गौ माता को मार रहे हैं उन्हें नुकसान पहुंचा रहे हैं । हमारी गौ माता तो कामधेनु की तरह है जो हमें पोस्टिक दूध देती है जिससे हमारे रोग नष्ट हो जाते हैं ।


गौमाता में ही समस्त देवी-देवताओं का वास माना जाता है । क्योंकि कामधेनु समुंद्र मंथन से उत्पन्न हुई थी ।



ईश्वर के होने का प्रमाण


इससे अभिप्राय है कि जो लोग दूसरों के साथ गलत करते हैं उनके साथ भी गलत होता है क्योंकि ईश्वर की दृष्टि से कुछ नहीं छूटता हम छोटे पाप करें या बड़े हमें छोटी सजा मिले या बड़ी मिलती जरूर है । आपने कभी ना कभी तो यमलोक या यमराज का नाम सुना होगा, आजकल तो बहुत सारे नाटक, कार्यक्रम में उनके बारे में बताया गया है । देखिए हमारा एक पितृलोक होता है पितृ का अर्थ है पूर्वज और पितृलोक का अर्थ है पितृों का लोक । हमारे दादा परदादा जब अपनी आयु पूर्ण कर लेते हैं तो वह पितृलोक में चले जाते हैं फिर यमलोक में यमराज द्वारा हमारे जीवन भर के कर्म देखे जाते हैं । जहां चित्रगुप्त जो यमराज के साथी हैं उनके पास एक पत्रिका होती है जिसमें हमारे जीवन भर का लेखा-जोखा होता है कि हमने कितने झूठ बोले, कितने लोगों का अहित करा तथा हमारे कितने कितने पाप और पुण्य हैं । तो फिर हम अभी से ही क्यों ना अपने कर्म सुधारे ताकि ईश्वर के पास पहुंचने पर पश्चाताप ना हो । 



ईश्वर कहां है


जिस तरह कुछ लोगों मैं अनेक शक्तियां होती है परंतु उन्हें भी एक ना एक दिन जाना पड़ता है । लेकिन शक्ति के उपासक नहीं मरते जब तक ईश्वर है वह नहीं मर सकते निर्गुण भगवान की सत्ता अज्ञात है जो इसे जान लेता है वही उसे समझ सकता है । इनकी ना तो कोई जाति है ना हमें उनके रंग रूप का पता है तो ऐसे मैं उन्हें कहां ढूंढने जाओगे । 


ईश्वर की भक्ति माला जपने, तिलक छापें करने और माला पहनने से नहीं होती है वह तो केवल सच्ची श्रद्धा से होती है आपको किसी आश्रम में जाने की या संन्यास लेने की जरूरत नहीं है । क्योंकि गृहस्त जीवन के साथ भी ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है वैसे भी ईश्वर तो हर जगह है कण-कण मैं उपस्थित है तो तुम्हारे हमारे घर पर भी होंगे । जहां ईश्वर को सच्चे दिल से पुकारा जाता है वहां ईश्वर जरूर आते हैं ईश्वर के तो कई रूप हैं वस आपके पहचानने की बात है । 



ईश्वर का पता कैसे लगाएं


जो ईश्वर की भक्ति करते हैं उन्हें फिर किसी चीज की चिंता करने की जरूरत नहीं है यह सृष्टि उन्हीं की बनाई हुई है कहते हैं ईश्वर की मर्जी के बिना एक पत्ता भी नहीं हिलता इसलिए वही सब देखते हैं । जिस तरह बच्चे के चोट लग जाने पर मां-बाप अपना सभी काम छोड़कर उस पर ही ध्यान देते हैं उसी प्रकार जो ईश्वर की पूजा करता है तो वह उसकी और उसके परिवार की सुरक्षा जरूर करते हैं । 


सिर्फ भगवान का नाम रटने से कुछ नहीं होता उन्हें अच्छी तरह जानना होता है । जिस तरह तोता अपने मालिक के मुंह से राम नाम सुनकर उसकी रट लगाने लगता है परंतु वह उसका अर्थ नहीं समझता । यदि उसे किसी दिन पिंजरा खुला मिल जाए तो वह उडकर कहीं और चला जाता है क्योंकि वह राम नाम की महिमा को नहीं जानता । यह तो बिल्कुल ऐसा ही है जैसे जिन आंखों से हम सब कुछ देख लेते हैं परंतु आंखों से आंखों को ही नहीं देख पाते । उसी प्रकार हम सब कुछ समझ लेते हैं परंतु उसे ही नहीं समझ पाते हैं जिसने हमें बनाया है इसलिए सच्चे मन से ईश्वर की पूजा करनी चाहिए । 



ईश्वर के प्रति मेरा अनुभव


पहले में यह सोचता था कि मेरे द्वारा मेरे परिवार वालों को समझाने पर की भगवान की भक्ति थोड़ी ज्यादा करो जिससे तुम भवसागर से पार हो जाओ । लेकिन फिर भी वह लोग भगवान की भक्ति करते थे इसलिए मुझे ज्यादा चिंता नहीं थी लेकिन कहते हैं ना हीरा अलग ही चमकता है तो मृत्यु के पश्चात जो भी सर्वोच्च हो उन्हें वही प्राप्त हो । लेकिन अब मुझे चिंता नहीं मैंने सब भगवान पर छोड़ दिया है भगवान सबके बारे में अच्छा ही सोचते हैं । फिर मैंने सोचा कि क्यों ना सृष्टि के रहस्यों को जानने का प्रयत्न करना चाहिए । मनुष्य की मृत्यु के पश्चात क्या होता है क्योंकि मेरा मानना था कि या तो मनुष्य को मानव जीवन ही प्राप्त होता है या तो वह शायद अमर हो जाता है क्योंकि आत्मा तो अमर है । फिर मैंने तो सब भगवान पर छोड़ दिया मुझे किसी बात की कोई चिंता नहीं । सदा सत्य के रास्ते पर चलते हुए जीवन निर्वाह करें, जीवन के अंत में आपको ईश्वर के होने और न होने का सत्य ज्ञान प्राप्त होगा । आत्मा तो अमर है लेकिन मानव जीवन के रहते पृथ्वी यानी मृत्युलोक पर हमने जैसे कर्म अपने द्वारा किए उसी के आधार पर हमारा मूल्यांकन होता है । जो परिणाम प्राप्त होता है उसी के अनुसार हमें नया जीवन प्राप्त होता है वह जीवन इंसान या जीव जंतु में से किसी का भी हो सकता है । 



About The Post 


इस आर्टिकल में Ishwar Kaun Hai Aur Unhen Prapt Kaise Karen से संबंधित ईश्वर कौन है और उन्हें प्राप्त कैसे करें के बारे में बताया गया है अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा तो अपने फ्रेंड्स के साथ शेयर करें । अगर आप इस आर्टिकल से संबंधित कुछ भी पूछना चाहते हैं तो हमें कमेंट करकर बताएं, हम आपको जवाब जरूर देंगे ।


एक टिप्पणी भेजें

If you have any doubts, Please let me know