ओम बन्ना की सच्ची कहानी | Om Banna Real Story In Hindi

 

Om Banna Ki Sachi Kahani
Om Banna Ki Sachi Kahani


Om Banna Ki Sachi Kahani Jankar Aapko Yakin Nahin Hoga


क्या आप जानते हैं भारत के एक मंदिर में भगवान की मूर्ति की नहीं बल्कि बाइक की पूजा होती है । यह जगह राजस्थान के पाली में है जहां श्री ओम बन्ना मंदिर में भगवान की किसी मूर्ति की नहीं बल्कि एक बुलेट मोटरसाइकिल की पूजा की जाती है । लोग बाइक की पूजा करते हैं उस पर फूल और मालाएं चढ़ाते हैं । वैसे तो भारत में बहुत सारे मंदिर है लेकिन इसके जैसा मंदिर शायद ही आपने देखा होगा । ठाकुर ओम सिंह राठौर का जन्म 5 मार्च, 1965 में पाली के चोटिला गांव में ठाकुर जोठा सिंह राठौर के घर पर हुआ था । राजस्थान में राजपूतों को बन्नासा बोला जाता है इसलिए ओम सिंह राठौर को भी ओम बन्ना कहते थे ओम बन्ना अपने पिता की इकलौती संतान थे और पूरे परिवार के प्रिय थे । बचपन से ही उन्हें बड़े प्यार से पाला गया था जो भी उन्हें चाहिए होता था वह उन्हें लाकर दे दिया जाता था । बचपन से ही वह बाइक चलाने के शौकीन थे इसलिए जैसे ही ओम बन्ना बड़े हुए उन्होंने रॉयल एनफील्ड मोटरसाइकिल खरीदी ओम बन्ना इस मोटरसाइकिल को बेहद पसंद करते थे उनकी जिंदगी इस मोटरसाइकिल के आस-पास ही घूमती थी वह हर समय बाइक पर ही बैठते हुए दिखते थे । बाइक लेने के कुछ समय बाद ही ओम बन्ना की शादी हो गई उनका ससुराल उनके गांव के पास ही था इसलिए वह अपनी पत्नी संग बुलेट से गांव चले जाया करते थे । एक बार ओम बन्ना अपनी पत्नी से मिलने बुलेट से उनके गांव गए हुए थे वह शाम तक रुके फिर वह अपनी बुलेट लेकर घर के लिए निकल पड़े । सड़क काफी सुनसान थी तो ओम बन्ना तेजी से बुलेट लेकर जा रहे थे तभी उनकी बाइक एक पेड़ से टकरा गई और ओम बन्ना की मृत्यु हो गई । उस जगह पर आए दिन किसी न किसी का एक्सीडेंट होता रहता था अगली सुबह पुलिस घटना वाली जगह पर पहुंची साफ-साफ दिख रहा था यह एक एक्सीडेंट का केस है । उन्होंने ओम बन्ना की लाश उनके घर भिजवा दी और बाइक को अपने साथ पुलिस स्टेशन ले गए । अगले दिन जैसे ही पुलिस वाले पुलिस स्टेशन पहुंचे तो उन्होंने देखा कि ओम बन्ना की बाइक वहां पर है ही नहीं हर कोई हैरानी में यह सोच रहा था कि बाइक आखिर गई कहां किसी को कोई खबर नहीं थी कि कौन बाइक लेकर गया है । पुलिस वालों को लगा किसी चोर ने वह बाइक चुरा ली इसलिए उन्होंने बाइक चोरी होने की खबर बाकी पुलिस वालों को भी दे दी । कुछ देर बाद पुलिस को सूचना मिली कि एक RNJ 7773 नंबर वाली बाइक चोटिला गांव के पास जोधपुर पाली हाईवे पर लावारिस हालत में मिली है । यह बाइक ओम बन्ना की ही थी कुछ पुलिस वालों ने बाइक अपने कब्जे में ली और वापस ठाणे में ले गए उस रात बाइक पुलिस स्टेशन में खड़ी रही लेकिन अगले दिन फिर पिछली वाली घटना फिर से घटी । अगले दिन जब पुलिस वाले स्टेशन पर आए तो उन्होंने देखा कि ओम बन्ना की बुलेट फिर से गायब है फिर थोड़ी देर बाद उन्हें सूचना मिली कि ओम बन्ना की बाइक उनके दुर्घटना वाली जगह पर देखी गई है । पुलिस को समझ नहीं आ रहा था कि यह किसका काम है उन्हें लगा शायद कोई उनके साथ मजाक कर रहा है उन्होंने सोचा इस बार चोर को कोई मौका नहीं दिया जाएगा इसलिए उन्होंने बाइक का सारा पेट्रोल निकाल दिया साथ ही बाइक को चैन से भी बांध दिया ताकि कोई उसे ना ले जाए । अगले दिन पुलिस ने देखा कि बाइक फिर से गायब है और दुर्घटना स्थल पर है इस बात की खबर जैसे ही आस-पास के लोगों को लगी उन्होंने इसे चमत्कार मान लिया । उनका कहना था कि इसमें ओम बन्ना की आत्मा बसती है जब इस बात की खबर ओम बन्ना के पिता और गांव वालों को लगी तो उन्होंने कहां इस सिलसिले को खत्म करने के लिए ओम बन्ना की दुर्घटना वाली जगह पर एक स्मारक का निर्माण करना होगा । उसके बाद गांव वालों ने दुर्घटना स्थल के पास ओम बन्ना नाम का स्मारक बना दिया और उनकी बुलेट को वहां पर रख दिया । उस दिन के बाद से वह बुलेट कहीं नहीं गई लोगों ने इसे चमत्कार मान लिया तब से यह स्मारक से बदलकर मंदिर बन गया है । इस मंदिर की खासियत है कि यहां किसी भगवान की मूर्ति नहीं बल्कि ओम बन्ना की बाइक की पूजा होती है । आज भी लोग इसकी पूजा करने आते हैं पाली जोधपुर हाईवे पर निकलने वाले सभी लोग यहां रुक कर हाथ जोड़ते हैं ओम बन्ना के मंदिर में शराब की बोतलें प्रसाद के रूप में चढ़ाई जाती हैं । 


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