Lal Kitab Ke Anusar Brihaspati Grah Ke Upay Jinhe Karne Se Milegi Carrier Mein Safalta
लाल किताब ज्योतिष के अनुसार बृहस्पति ग्रह को देवताओं का गुरु माना जाता है। इसे ज्ञान, धन, धर्म, शिक्षा, वैवाहिक जीवन, और सुख-समृद्धि का कारक ग्रह कहा गया है। यदि बृहस्पति कुंडली में शुभ स्थिति में हो तो यह व्यक्ति को सफलता, सम्मान और खुशहाल जीवन प्रदान करता है। वहीं, बृहस्पति की अशुभ स्थिति जीवन में बाधाएँ, आर्थिक समस्याएँ, वैवाहिक तनाव, और धर्म से दूरी का कारण बन सकती है। लाल किताब में बृहस्पति के अशुभ प्रभावों को कम करने और शुभता बढ़ाने के लिए कई सरल और प्रभावी उपाय बताए गए हैं।
बृहस्पति ग्रह के अशुभ प्रभाव
बृहस्पति के अशुभ प्रभाव निम्नलिखित समस्याओं का कारण बन सकते हैं:
धार्मिक आस्था की कमी: व्यक्ति धर्म और नैतिकता से दूर हो सकता है।
शारीरिक समस्याएँ: मोटापा, लीवर की समस्या, पीलिया, डायबिटीज, और गले से जुड़ी समस्याएँ हो सकती हैं।
आर्थिक कठिनाइयाँ: धन का नुकसान, कर्ज, और आय के स्रोतों में बाधा।
विवाह में बाधा: शादी में देरी, दांपत्य जीवन में कलह, और संतान सुख में कमी।
समाज में सम्मान की हानि: प्रतिष्ठा में कमी और निर्णय क्षमता का कमजोर होना।
लाल किताब के अनुसार बृहस्पति ग्रह के उपाय
लाल किताब में बृहस्पति ग्रह के उपाय सरल, व्यावहारिक और प्रभावशाली होते हैं। ये उपाय व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति के अशुभ प्रभाव को कम करके शुभता बढ़ाने में सहायक होते हैं।
1. बृहस्पति के अशुभ प्रभाव को कम करने के सामान्य उपाय
गुरुवार का व्रत:
गुरुवार के दिन व्रत रखें और पीले वस्त्र पहनें।
इस दिन केवल पीला भोजन जैसे बेसन के लड्डू, चने की दाल और हल्दी युक्त प्रसाद का सेवन करें।
नमक का सेवन न करें।
दान करना:
पीली चीजें दान करें, जैसे चने की दाल, हल्दी, सोना, केसर और पीले वस्त्र।
गरीब ब्राह्मणों को भोजन कराएँ और उन्हें दक्षिणा दें।
पके हुए पीले चावल या बेसन से बने पकवान दान करें।
गुरु मंत्र का जाप:
"ॐ बृं बृहस्पतये नमः" मंत्र का नियमित 108 बार जाप जरूर करें।
गुरुवार के दिन गुरु गायत्री मंत्र का जाप करना भी लाभकारी होता है।
गाय की सेवा:
गाय की सेवा करें और उसे चने की दाल और गुड़ खिलाएँ।
गाय का गोबर और गोमूत्र घर में पवित्रता बनाए रखने के लिए उपयोग करें।
पीपल वृक्ष की पूजा:
गुरुवार को पीपल के वृक्ष के नीचे घी का दीपक जलाएँ और उसकी पूजा करें।
संतों और ब्राह्मणों का सम्मान:
संतों, गुरुओं और ब्राह्मणों का आदर करें और उनकी सेवा करें।
धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करें और सत्संग में भाग जरूर लें।
2. आहार और जीवनशैली से जुड़े उपाय
सात्विक भोजन और आचरण:
सात्विक और पौष्टिक भोजन करें।
मांस, मदिरा, और तामसिक भोजन से बचें।
दूसरों के प्रति सद्भाव और दयालुता का व्यवहार रखें।
हल्दी का प्रयोग:
भोजन में हल्दी का उपयोग बढ़ाएँ।
गुरुवार के दिन हल्दी का तिलक लगाएँ।
गुरु के प्रति समर्पण:
अपने जीवन में गुरु का स्थान स्वीकार करें और उनके बताए मार्ग का पालन करें।
3. विशेष उपाय
पुखराज रत्न धारण करना:
बृहस्पति को मजबूत करने के लिए पुखराज रत्न (टॉपाज़) धारण करें।
इसे सोने की अंगूठी में दाहिने हाथ की तर्जनी उंगली में गुरुवार के दिन शुभ मुहूर्त में पहनें।
रत्न धारण करने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह अवश्य लें।
बृहस्पति यंत्र स्थापित करना:
घर या कार्यस्थल पर बृहस्पति यंत्र स्थापित करें और नियमित पूजा करें।
गुरु के प्रतीक चिह्नों का पूजन:
घर में भगवान विष्णु या देवगुरु बृहस्पति की मूर्ति स्थापित करें और उनकी पूजा करें।
सोने का दान:
यदि संभव हो तो गुरुवार के दिन सोने का दान करें या सोने का आभूषण किसी जरुरतमंद को दें।
4. वैवाहिक जीवन और संतान सुख के उपाय
विवाह में बाधा का निवारण:
शादी में देरी हो रही हो तो पीले कपड़े पहनकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें।
विवाह योग्य कन्या को पीले वस्त्र और हल्दी दान करें।
संतान सुख के लिए:
बच्चों को गुरुवार के दिन केले का पौधा दान करें।
संतानों के लिए धार्मिक स्थानों पर जाकर प्रार्थना करें।
5. आर्थिक समृद्धि के उपाय
गुरुवार को नीलकंठ पक्षी का दर्शन करें:
गुरुवार के दिन नीलकंठ पक्षी को देखना शुभ माना जाता है।
किसी पवित्र स्थान पर पीला चंदन चढ़ाएँ:
गुरुवार के दिन मंदिर में पीले चंदन का तिलक अर्पित करें।
हल्दी की गांठ:
घर के पूजा स्थान में हल्दी की गांठ रखें। यह धन और सुख-समृद्धि में वृद्धि करता है।
6. गृह वास्तु के अनुसार उपाय
पूजा स्थान की दिशा:
घर के पूजा स्थान को उत्तर-पूर्व दिशा में रखें और इसे हमेशा साफ-सुथरा बनाए रखें।
केले के वृक्ष की सेवा:
घर के आँगन में केले का पौधा लगाएँ और नियमित उसकी पूजा करें।
बृहस्पति ग्रह की साढ़ेसाती या अशुभ दशा के उपाय
बृहस्पति की साढ़ेसाती या महादशा के समय निम्न उपाय विशेष रूप से प्रभावी होते हैं:
विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
केले के वृक्ष की पूजा करें और जल अर्पित करें।
शिक्षा और धर्म में योगदान करें, जैसे कि छात्रों को पढ़ाई में सहायता करना।
धार्मिक स्थलों पर भोजन या पानी की व्यवस्था करें।
बृहस्पति के शुभ प्रभाव
जब बृहस्पति कुंडली में शुभ होता है, तो इससे निम्नलिखित लाभ प्राप्त होता है:
धन और समृद्धि: आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
वैवाहिक सुख: विवाह जीवन खुशहाल और स्थिर रहता है।
संतान सुख: संतान से संबंधित सभी प्रकार के सुख।
ज्ञान और शिक्षा: उच्च शिक्षा और ज्ञान में वृद्धि।
सामाजिक सम्मान: व्यक्ति समाज में मान-सम्मान प्राप्त करता है।
निष्कर्ष
लाल किताब के अनुसार, बृहस्पति ग्रह जीवन में ज्ञान, धन, धर्म, और समृद्धि का कारक है। इसके उपाय न केवल बृहस्पति के अशुभ प्रभावों को कम करते हैं, बल्कि इसके शुभ प्रभावों को और भी बढ़ाते हैं। इन उपायों को श्रद्धा और नियमितता से करने पर जीवन में सुख-समृद्धि और संतुलन बना रहता है। याद रखें कि केवल उपाय करने से लाभ नहीं होता, बल्कि अपने कर्मों को भी शुद्ध और सकारात्मक बनाए रखना आवश्यक है। धर्म, शिक्षा और परोपकार के कार्यों में शामिल होकर बृहस्पति की कृपा प्राप्त की जा सकती है।
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