Uttarakhand Mein Ghumne Ki Jagah |
Uttarakhand Mein Ghumne Ki Sabse Acchi Aur Khubsurat Jagah
उत्तराखंड की खूबसूरत वादियां, हिमालय की चोटियां, झरने और झील दुनियाभर के पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करते हैं । उत्तराखंड को देवभूमि भी कहां जाता है क्योंकि यहां कई प्राचीन विश्व प्रसिद्ध मंदिर और धार्मिक स्थान है । यह भारत के पहाड़ी राज्यों में से एक है जो अपनी सुंदरता के लिए विख्यात है प्रकृति से भरे इस राज्य में कई पर्यटन स्थल हैं जहां पर जाकर आपको आनंद आ जाएगा । यह पूरी तरह से पहाड़ियों पर ही बसा हुआ है इसलिए यहां काफी सारे हिल स्टेशन है । यहां स्थित हिल स्टेशन अंग्रेजों के जमाने से ही काफी विख्यात है यहां हर साल लाखों पर्यटक उत्तराखंड की वादियों में घूमने आते हैं । आज हम आपको उत्तराखंड में घूमने की सबसे अच्छी जगहों के बारे में जानकारी देंगे ।
औली
इसे भारत का स्विट्जरलैंड भी कहां जाता है औली उत्तराखंड का एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है जो बर्फ में के लिए विख्यात है । यह बर्फ से ढका हुआ हिल स्टेशन है यहां हर साल स्कीइंग की चैंपियनशिप भी की जाती है । यह औली के उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में पड़ता है जो हिमालय और गढ़वाल की सुंदर पहाड़ियों के बीच वसा है जिसकी ऊंचाई 9200 फीट है । यहां पर सर्दीयो में बर्फ और गर्मियों में भी यहां के खूबसूरत मौसम का मजा ले सकते हैं । ज्यादातर लोग बद्रीनाथ धाम की यात्रा के दौरान औली जाते हैं यहां पर आप स्नोफॉल और एडवेंचर का मजा ले सकते हैं । यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं है यह शहर की भीड़भाड़ से दूर काफी शांत हिल स्टेशन है । यहां पर चारों तरफ से बर्फ से ढकी चोटियां बहुत ही सुंदर दिखाई देती है । यह जगह चीड़ और देवदार के जंगलों से घिरी हुई बहुत ही खूबसूरत जगह है ।
औली में घूमने की जगह
- नंदा देवी
- गुरसो बुग्याल
- त्रिशूल पीक
- चिनाब झील
- जोशीमठ
- रुद्रप्रयाग
- छत्रा कुंड
- सोलधार तपोवन
- विष्णुप्रयाग
- औली कृत्रिम झील
कौसानी
कौसानी भारत के उत्तराखंड राज्य के बागेश्वर जिले में स्थित एक हिल स्टेशन है यह एक गांव है जो अपनी हरियाली, जंगलों, आकर्षक चोटियों से पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है । यह उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है यह अपनी प्राकृतिक भव्यता के लिए भी प्रसिद्ध है । प्रकृति प्रेमियों के लिए यह एक अच्छी जगह है यहां से हिमालय के बर्फ से ढके पहाड़ का सुंदर दृश्य दिखाई देता है । इस जगह की प्राकृतिक सुंदरता की वजह से महात्मा गांधी ने इसे भारत के स्वीटजरलैंड का स्थान दिया था । पुराने समय में कौसानी को वालना के नाम से जाना जाता था । जब 1929 में महात्मा गांधी ने अनासक्ति युग पर अपने काम को पूरा करने के लिए अपना अस्थाई निवास बनाया था तभी से यह गांव प्रसिद्ध हो गया । यह स्थान हिंदी कवि सुमित्रानंदन पंत के लिए भी जाना जाता है ।
कौसानी में घूमने की जगह
- रुद्रधारी जलप्रपात और गुफाएं
- बैजनाथ मंदिर
- ग्वालदम
- सुमित्रानंदन पंत संग्रहालय
- कौसानी टी एस्टेट
- अनाशक्ति आश्रम
- लक्ष्मी आश्रम
- पिन्नाथ
- कोट भ्रामरी मंदिर
- प्लानेट्स शो
चोपता
चोपता को मिनी स्विट्जरलैंड भी कहते हैं चोपता रूद्रप्रयाग में स्थित है यह उत्तराखंड का वह पर्यटन स्थल है जो सबसे बाद में विख्यात हुआ और आज यह उत्तराखंड के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है । इस हिल स्टेशन के बारे में ब्रिटिश कमिश्नर ई टी एटकिंसन ने 1850 में कहां जिसने अपने जीवन में चोपता नहीं देखा उसने धरती का स्वर्ग नहीं देखा । यह जगह तुंगनाथ मंदिर की वजह से प्रसिद्ध है यह नैनीताल और शिमला से भी अधिक ठंडा है । सर्दियों के समय यहां भारी बर्फबारी होती है तो पूरा चोपता बर्फ में डूब जाता है जिस कारण पर्यटक चोपता आकर ठंड का आनंद लेते हैं । यहां आपको घना जंगल और हिमालय पहाड़ियों का सुंदर नजारा देखने को मिलेगा । आप यहां पर ट्रैकिंग भी कर सकते हैं जिसमें आपको प्राकृतिक सौंदर्य देखने को मिलेगा यहां प्राचीन शिव मंदिर तुंगनाथ देखने को मिलता है जिसे पांडवों द्वारा निर्मित माना जाता है ।
चोपता में घूमने की जगह
- तुंगनाथ मंदिर
- चंद्रशिला ट्रैक
- देवरिया ताल
- दुग्गल बिट्टा
- कालीमठ
- सारी गांव
- उखीमठ
- बनियाकुंड
- रोहिणी बुग्याल
- कंचुला खरक कस्तूरी मृग अभयारण्य
हरिद्वार
उत्तराखंड पहाड़ियों के बीच हरिद्वार एक खूबसूरत तीर्थ स्थल है हरिद्वार का मतलब भगवान की ओर आने वाला रास्ता होता है । यहां हर साल लाखों की संख्या में देश-विदेश से पर्यटक घूमने के लिए आते हैं । हर 12 साल बाद यहां पर हिंदुओं का सबसे बड़ा कुंभ मेला आयोजित किया जाता है । यहां पवित्र घाट और प्राचीन मंदिर भी हैं जिनके दर्शन के लिए भारी मात्रा में लोग आते हैं । हरिद्वार में शाम को हरकी पेडी में होने वाली आरती देखने और इसका हिस्सा बनने हर रोज यहां लोगों की भीड़ जमा हो जाती है । आप भी शाम की गंगा आरती जरूर देखें यहां का दृश्य बहुत ही भव्य होता है यहां आप उड़न खटोले में बैठकर ऊंचाई से यहां का सुंदर दृश्य देख सकते हैं । यह धार्मिक और योग के अलावा आयुर्वेद के लिए भी जाना जाता है यहां पर आयुर्वेद के कई कॉलेज और रिसर्च सेंटर है । यहां पर एक भारत माता मंदिर भी है जिसमें भगवान और स्वतंत्रता सेनानियों की मूर्तियां रखी गई है ।
हरिद्वार में घूमने की जगह
- हर की पौड़ी
- चिल्ला वन्य जीव अभ्यारण
- मनसा देवी मंदिर
- क्रिस्टल वर्ल्ड
- भारत माता मंदिर
- सप्त ऋषि आश्रम
- पंतजलि योग पीठ
- पारद शिवलिंग
- चंडी देवी मंदिर
- स्वामी विवेकानंद पार्क
देहरादून
गढ़वाल हिमालय की ठून वैली में स्थित देहरादून उत्तराखंड का बहुत ही प्रसिद्ध हिल स्टेशन है । यह अपने पहाड़ और अच्छे मौसम के लिए प्रसिद्ध है यह इंडिया के एजुकेशनल हब में से एक है यहां कई सारे एजुकेशन सेंटर मौजूद हैं यहां का आर्किटेक्चर और संस्कृति भी बहुत आकर्षित है । यहां हर साल भारी संख्या में पर्यटक घूमने आते हैं यहां का फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ईटों से बनी हुई बहुत ही बड़ी बिल्डिंग है इसीलिए इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में कई सालों तक बना रहा । स्टूडेंट ऑफ द ईयर मूवी की शूटिंग भी इसी फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट पर हुई थी । आप यहां पर वोटिंग कर सकते हैं और कई तरह के पक्षी देख सकते हैं जिनमें कुछ विदेशी पक्षी भी होते हैं । यहां स्थित सहस्त्रधारा भी काफी खूबसूरत स्थान हैं सहस्त्रधारा का मतलब हजार धाराओं का समूह होता है । यहां पर सरकार ने कई छोटे-छोटे तालाब बनाए हुए हैं स्विमिंग के लिए गर्मियों के समय यहां भारी भीड़ रहती है । यहां पर गंधक युक्त पानी बहता है जिसके बारे में कहां जाता है इसमें नहाने से शरीर के चर्म रोग दूर हो जाते हैं ।
देहरादून में घूमने की जगह
- सहस्त्रधारा
- रॉबर की गुफा
- लच्छीवाला
- मिन्डोलिंग मठ
- हर की दून
- फन वैली
- मालसी डियर पार्क
- टपकेश्वर मंदिर
ऋषिकेश
गंगा नदी के किनारे बसा यह शहर हिंदुओं के लिए एक पवित्र स्थान है यह शहर योग, धार्मिक स्थल और एडवेंचर के लिए जाना जाता है । यहां देश-विदेश से लोग घूमने और योग सीखने के लिए आते हैं उत्तराखंड में स्थित यह शहर चार धामों की यात्रा के लिए भी जाना जाता है उत्तराखंड की चार धाम यात्रा की शुरुआत यहीं से होती है । गंगा के घाटों को शुद्ध और पवित्र माना जाता है यहां पर आपको लोग स्नान करते हुए नजर आएंगे । माना जाता है कि यहां स्नान करने से मन शांत होता है और पापों से मुक्ति मिलती है इसके अलावा यहां शाम को गंगा आरती भी होती है जिसमें सम्मिलित होने के लिए लोगों की भारी भीड़ आती है । अगर आप भी एडवेंचर स्पोर्ट का आनंद लेना चाहते हैं तो ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग एक बेहतरीन विकल्प है यहां रिवर राफ्टिंग के लिए भारी संख्या में पर्यटक आते हैं यहां भगवान शिव के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं जो यहां के सबसे पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक है ।
ऋषिकेश में घूमने की जगह
- लक्ष्मण झूला
- त्रिवेणी घाट
- वशिष्ठ गुफा
- स्वर्ग आश्रम
- नीलकंठ महादेव मंदिर
- शिवपुरी
- बीटल्स आश्रम
- ऋषि कुंड
- नीर गढ़ झरना
- तेरा मंजिल मंदिर
बद्रीनाथ
बद्रीनाथ हिमालय की गोद में विष्णु जी का एक पवित्र धाम है यह मंदिर उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है यह भारत के प्रमुख चार धामों में से भी एक है । यहां हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं सर्दियों में यहां पर अधिक बर्फ गिरने की वजह से सर्दियों में यहां के कपाट बंद रहते हैं । हरिद्वार से बद्रीनाथ धाम की दूरी 315 किलोमीटर और ऋषिकेश से बद्रीनाथ की दूरी 295 किलोमीटर है । यहां के कपाट मई से लेकर नवंबर तक ही खुलते हैं यह मंदिर आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा चारों धाम में से एक के रूप में स्थापित किया गया था । पौराणिक कथा के अनुसार नीलकंठ पर्वत के निकट भगवान विष्णु जी ने बाल रूप में अवतरण लिया था । यह स्थान पहले शिव भूमि था, भगवान विष्णु जी को यह स्थान ध्यान करने के लिए पसंद आ गया था इसलिए उन्होंने बाल रूप में ही भगवान शिव का ध्यान किया । यह देखकर माता पार्वती का हदय द्रवित हो गयी, फिर माता पार्वती और शिव जी उस बालक के समीप प्रकट हुए उन्होंने बालक से पूछा तुम्हें क्या चाहिए बालक ने ध्यान करने के लिए यह स्थान मांग लिया ।
बद्रीनाथ में घूमने की जगह
- सतोपंथ
- तप्त कुंड
- ब्रह्मकपाल
- चरण पादुका
- पंचशिला
- वसुधारा जलप्रपात
- वासुकी ताल
- भीम पुल
- माणा गांव
- व्यास गुफा
नैनीताल
नैनीताल उत्तराखंड का बेहद ही खूबसूरत हिल स्टेशन है कुमाऊं पहाड़ियों के बीच स्थित नैनीताल किसी स्वर्ग से कम नहीं है । यहां पूरे साल सूखद जलवायु रहती है आप यहां नैनीताल के लुभावने मौसम के साथ एडवेंचर स्पोर्ट्स का आनंद भी ले सकते हैं । यहां कई झीलें हैं जो यहां की खूबसूरती को बढ़ा देती हैं । नैना देवी मंदिर यहां का प्रमुख धार्मिक स्थल है जो भारत में माता सती के 51 शक्तिपीठों में से एक है । पिता द्वारा अपमानित होने के बाद माता सती ने आत्मदाह कर लिया था फिर भगवान भोलेनाथ उनके शरीर को लेकर इधर-उधर घूमने लगे । तब भगवान विष्णु जी ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर के टुकड़े कर दिए, जहां-जहां उनके शरीर के अंग गिरे वह पावन शक्ति पीठ कहलाए । कहते हैं माता सती की आंख यहां गिरी थी जिस कारण इसका नाम नैना देवी पड़ गया । यहां की नैनी झील एक सुंदर प्राकृतिक झील है यहां अर्द्ध चंद्राकार की आकृति में दिखाई देती है । यह बेहद प्रसिद्ध झील है यह झील सुबह और सूर्यास्त के समय काफी लुभावनी दिखाई देती है । पहाड़ियों को घेरे हुए शंकुधारी पेड़ इसकी सुंदरता को और बढ़ा देते हैं ।
नैनीताल में घूमने की जगह
- इको केव गार्डन
- नैनी झील
- नैना देवी मंदिर
- द मॉल रोड
- स्नो व्यू प्वाइंट
- टिफिन टॉप
- नैना पीक
- पं बल्लभ पंत जू
- ज्योलिकोट
- जिम कार्बेट नेशनल पार्क
मसूरी
मसूरी उत्तराखंड के एक हिल स्टेशन और फेमस शहर है यहां का मौसम सालभर सुहावना ही बना रहता है । जब भीषण गर्मी पड़ती है उस समय भी यहां का मौसम ठंडा ही बना रहता है यही वजह है कि गर्मियों में यहां पर सबसे ज्यादा पर्यटक घूमने के लिए आते हैं । आप यहां बर्फ का भी आनंद ले सकते हैं दिल्ली से मसूरी की दूरी लगभग 275 किलोमीटर है मंसूरी को पहाड़ों की रानी भी कहां जाता है । आप मसूरी झील में भी आनंद ले सकते हैं यहां काफी सारी एडवेंचर स्पोर्ट भी होते हैं और यहां पर एक लेक है जहां पर आप वोटिंग कर सकते हैं । यहां का केंपटी फॉल एक विशाल झरना है यहां पर नहाने के लिए स्विमिंग पूल भी बनाए गए हैं । आप यहां उड़न खटोले में बैठकर भी ऊंचाई से खूबसूरती को देख सकते हैं । केंपटी फॉल ब्रिटिश समय से ही काफी प्रसिद्ध जगह थी, अंग्रेज लोग गर्मियों की छुट्टी में यहां पर घूमने आया करते थे । यह मसूरी की सबसे बेहतरीन जगहों में से एक है ।
मसूरी में घूमने की जगह
- लाल टिब्बा
- लेक मिस्ट
- केम्प्टी फॉल्स
- क्लाउड्स एंड मसूरी
- गन हिल
- बेनोग वन्यजीव अभयारण्य
- धनोल्टी
- मोसी फॉल
- कंपनी गार्डन
- तिब्बती बौद्ध मंदिर
केदारनाथ
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ मंदिर काफी प्रसिद्ध है । यहां पर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक विद्वान है जिसे जागृत महादेव भी कहते हैं यह हिंदुओं के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है । पहाड़ों से निकलने वाली कई नदियां इस मंदिर के पास से होकर गुजरती हैं । 2013 में यहां बाढ़ आई थी लेकिन यह बाढ़ इस मंदिर को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाई । कहां जाता है जैसे ही बाढ़ का पानी इस मंदिर के करीब पहुंचा तभी वहां एक शीला आ गई जिससे यह पानी दो हिस्सों में बटकर मंदिर के बगल से निकल गया और यह मंदिर आज भी सुरक्षित है । यहां स्थित शिवलिंग और नंदी जी की मूर्ति को भी कोई नुकसान नहीं हुआ । यह शीला आज भी यहां मौजूद है और इसे भीम शिला के नाम से जाना जाता है । जब बर्फ गिरती है तो इस मंदिर को कई महीने के लिए बंद कर दिया जाता है । कहां जाता है इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने 5000 साल पहले करवाया था और 2500 साल पहले आदि शंकराचार्य जी ने मंदिर का दोबारा से निर्माण करवाया था । यहां का नजारा वाकई में बेहद शानदार है यहां भक्ति के साथ प्राकृतिक सुंदरता देखने को मिलती है । यहां कई सुंदर मंदिर है जिस कारण यहां भारी संख्या में पर्यटक इसके दर्शन के लिए आते हैं ।
केदारनाथ में घूमने की जगह
- वासुकी ताल
- शंकराचार्य समाधि
- अगस्त्यमुनि
- चंद्रशिला
- सोनप्रयाग
- केदारगिरीपिंड
- गौरीकुंड
- त्रियुगी नारायण मंदिर
- भैरवनाथ मंदिर
- रूद्र गुफा
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