Jinn Ki Sachi Kahani |
Jinn Ki Sachi Kahani Jankar Aapko Bhi Yakin Nahin Hoga
जिन्न या जिन्नात मुस्लिम मान्यताओं के अनुसार एक ऐसी शक्ति है जो इंसानों से बेहद शक्तिशाली और मायावी मानी जाती है लेकिन इनका अस्तित्व आज भी बहुत से लोगों के लिए संदेह का विषय है और यही संदेह जिन्नों को रहस्यमई बनाते हैं तो क्या वाकई जिन होते हैं । यूं तो जिन इस्लाम और अरबी लोक कथाओं के अध्यात्मिक प्राणी है जिनका जिक्र कुरान और अन्य इस्लामीक ग्रंथों में किया गया है । कुरान के अनुसार कुदरत ने इंसानों को मिट्टी से फरिश्तों को रोशनी से और जिन्नों को आग से बनाया है इनका भी अपना शरीर होता है लेकिन यह अधिकतर अदृश्य रहते हैं और ये इंसानों से बात करने और उन पर अपना प्रभाव डालने में सक्षम होते हैं । आज हम आपको जिन्न की सच्ची कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं जहां के लिए यह दावा किया जाता है कि उस जगह पर जिन्नों का बसेरा है और लोग उस जगह पर जिन्नों से मदद मांगने आते हैं तो चलिए जानते हैं उससे पहले जिन्नों के अस्तित्व के बारे में जान लेते हैं ।
जिस प्रकार इंसान अच्छे और बुरे दोनों तरह के होते हैं उसी प्रकार जिन्न भी अच्छे और बुरे हो सकते हैं । जिन्न भी इंसानों की तरह अपने समुदाय में रहना पसंद करते हैं लेकिन यह एकांत पसंद होते हैं इसलिए यह अपना बसेरा पेड़ों , सुनसान , किलो और मकानों में बनाते हैं । जिन्नों को अपनी इच्छाओं से फैसले लेने की आजादी अल्लाह से मिली है उनकी यह आजादी उन्हें इंसानो की जिंदगी में अपना प्रभाव डालने का अवसर देती है । ऐसा माना जाता है कि जिन्न अगर चाहे तो किसी इंसान को कामयाबी के शिखर पर पहुंचा सकते हैं और कोई बुरा जिन्न किसी इंसान की जिंदगी को तवाह भी कर सकता है ।
जिन्नों के बसेरे का पता लगाना यूं तो नामुमकिन है लेकिन भारत की राजधानी दिल्ली में एक ऐसी जगह मौजूद है जहां एक दो नहीं बल्कि अनेकों जिन्नों का बसेरा है और इस जगह का नाम है 'फिरोजा कोटला' फिरोजा कोटला यूं तो वहां मौजूद इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम के लिए मशहूर है लेकिन बहुत कम लोग यह बात जानते हैं कि यहां मौजूद इस स्टेडियम को यह नाम यहां मौजूद फिरोजा के किले से मिला है और इसी किले में जिन्नों का बसेरा होने का दावा किया जाता है , इसी कारण इस किले को जिन्नों का किला भी कहा जाता है । बादशाह फिरोजा तुगलक ने सन् 1354 में दिल्ली के पांचवें शहर फिरोजाबाद का निर्माण कराया और इस शहर में कई मदरसों का निर्माण भी करवाया गया । जिसमें एक मस्जिद भी बनवाई गई लेकिन वक्त के साथ यह किला बिरान हो गया और खंडहर में तब्दील हो गया । यह जिन्न इस किले से कैसे जुड़ गए इसकी जानकारी तो किसी के पास नहीं है लेकिन इतिहासकारों की मानें तो सालों से यह किला वीरान था इसलिए जिन्नो ने इसे अपना घर बना लिया और तभी से यहां के निवासियों को इस किले के पास ऐसी घटनाओं का सामना करना पड़ा जिससे यह बात सभी जगह फैल गई कि इस खंडहर में जिन्नो का बसेरा है और लोगों ने इस किले के आस पास जाना बंद कर दिया । कुछ लोगों का दावा है काफी समय पहले एक पहुंचे हुए सूफी संत हज़रत बदरुद्दीन समरकंदी से यहां के जिन्नो ने गुजारिश की , किले के अंदर सूनी पड़ी मस्जिद में फिर से नमाज अदा कराई जाए । तब संत बदरुद्दीन ने लोगों को समझाया कि जिन्न भी इंसानों की तरह खुदा की बनाई एक रचना है , इनसे डरने की जरूरत नहीं है ।
तभी से यहां की मस्जिद में नमाजी जाने लगे और बदले में यहां के जिन्न यहां के लोगों की मदद करने लगे , यहां आने वाले फरियादी अपनी समस्या यहां के जिन्नो को बताते हैं और कई लोगों का दावा है कि यहां के जिन्नो ने उनकी फरियाद को कई बार सुना भी है । यहां ऐसी मान्यता भी है कि आपकी जिंदगी से जुड़ी कोई भी समस्या जिसका समाधान आप यहां के जिन्नो से पाना चाहते हैं उसे एक चिट्ठी पर लिखकर रख दिया जाता है और रात के समय जिन्न यहां पर आते हैं और लोगों की चिट्ठियों को पढ़ते हैं और उनकी तकलीफों को दूर करते हैं । अनेको चिट्टियां आपको इन दरवाजों पर लटकी दिखाई देंगी जो लोग जिन्नो या ऐसी चीजों को नहीं मानते वे शायद इस पर विश्वास ना करें लेकिन जिन लोगों का जिन्नो पर विश्वास है वह मानते हैं कि उनके बिगड़े काम यहां के जिन्नो ने हीं बनाए हैं ।
इस जगह पर एक मान्यता यह भी है कि जब यहां के जिन्न किसी का बिगड़ा काम सवार देते हैं तव वह फरियादी से अपने लिए कुछ करने को कहते हैं और उस फरियादी को जैसा जिन्न ने कहां ठीक वैसा ही करना पड़ता है वरना फरियादी को दुष्ट परिणाम झेलना पड़ सकता है । आसपास के लोग इस बात से आश्वस्त हैं कि फिरोजा के किलो में जिन्नो का बसेरा है लेकिन आज तक यहां के जिन्नो ने किसी को भी क्षति नहीं पहुंचाई है ।
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3 टिप्पणियाँ
क्या मुझे जिन्नो से संबंधित सच्ची कहानियां पढ़ने को मिलेंगी ,तो कैसे?
जवाब देंहटाएंAapko Google per mil jayenge
जवाब देंहटाएंKya me jinn ko apne pass bula sakta hu
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