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Makka Madina Ka Rahasya |
Makka Madina Ka Rahasya Aur Itihas
मक्का एक ऐसी जगह है जहां जाना हर मुसलमान का ख्वाब होता है हर मुस्लिम की यही ख्वाइश होती है कि मृत्यु से वह एक बार हज अदा कर सके । मक्का मदीना को इतना पवित्र माना जाता है कि इस्लाम को ना मानने वाले लोगों को यहां आने की इजाजत नहीं है ऐसा कहां जाता है की कोई गैर मुस्लिम शख्स यहां आने की कोशिश करता है तो वह सलामत नहीं बचता । ऐसा क्यों कहां जाता है आखिर ऐसा क्या है कि कोई गैर मुस्लिम शख्स यहां कदम भी नहीं रख सकता । आज हम आपको ऐसे ही कई सवालों के जवाब के बारे में जानकारी देंगे । मक्का मदीना को मुसलमानों के लिए बहुत ही पाक जगह माना जाता है क्योंकि इस्लाम की शुरुआत इसी जगह से हुई थी । यहां हर साल लाखों मुस्लिम लोग मक्का की जियारत करने और हज अदा करने आते हैं मक्का सऊदी अरब के इजाज स्टेट में है और यहां की आबादी लगभग 20 लाख है । यहां हर साल लगभग 60 लाख से ज्यादा लोग पूरी दुनिया से हज के लिए आते हैं । इस मुल्क के ज्यादातर लोग हज इंडस्ट्री में ही काम करते हैं जो पूरे साल हज पर आने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए काम करते हैं ।
मक्का में काबा
मक्का और इस्लाम में सबसे पाक माने जाने वाली इमारत काबा है यह ग्रेफाइट पत्थर से बनी 40 फीट लंबी और 33 फीट चौड़ी इमारत हैं । इसमें कोई खिड़की नहीं है बस एक दरवाजा है यह इमारत 1400 साल पुरानी है मुस्लिम लोग इसे हजरत इब्राहिम के समय से जुड़ा हुआ मानते हैं । दुनिया के सारे मुसलमान काबा की तरफ मुंह करके नमाज पढ़ते हैं । सबसे खास बात यह है मक्का मदीना में गैर मुस्लिम को आने की इजाजत नहीं है और इस वजह से लोग अजीब अजीब बातें करते हैं कि शायद यहां ऐसा कोई काम होता है जो मुस्लिम लोग दुनिया से छुपा कर करते हैं । दोस्तो आप मक्का मदीना को लाइव देख सकते हैं वहां सिर्फ सच्चे दिल से खुदा की इबादत की जाती है लेकिन कई बार कुछ लोग अपनी गलत इरादों को अंजाम देने के लिए झूठ बोलकर गलत तरीके से मक्का में जाने की कोशिश करते हैं । लेकिन खुदा की कुदरत देखिए कि आज तक कोई भी शख्स जो गलत इरादों से यहां जाने की कोशिश करता है वह कभी कामयाब नहीं होता या तो उन्हें पुलिस पकड़ लेती है या कुदरत अपने हिसाब से सजा देती है । आज तक कई लोगों ने कोशिश की लेकिन कोई भी गैर मुस्लिम मक्का मदीना में प्रवेश नहीं कर पाया है । यह नियम इंसान ने नहीं खुदा ने बनाया है इसलिए लाख कोशिश के बाद भी कोई कामयाब नहीं हो पाया है इस्लाम की यही बातें इसे खास बनाती है कई लोगों द्वारा इस्लाम को सच्चा और प्यारा मजहब कहां जाता है ।
मक्का में जमजम का पानी
बात काफी सालों पहले की है जब पैगंबर हजरत इब्राहिम वचन अनुसार पत्नी हजरा और शिशु पुत्र हजरत इस्माइल को मक्का के रेगिस्तान में छोड़ कर चले गए थे । जिसके बाद मक्का के रेगिस्तान में दूर-दूर तक पानी स्रोत नजर नहीं आ रहा था लेकिन शिशु हजरत इस्माइल को प्यास लगी इसी दौरान मासूम इस्माइल अपनी ऐड़ियों को रेत पर रगड़ते हैं और अल्लाह के कर्म से उस जगह पानी निकलने लगता है । फिर यह जगह कुए का रूप ले लेती है जो आज जमजम के पानी के नाम से जाना जाता है । जमजम के पानी की जांच में यह बात सामने आई कि जमजम का पानी ईश्वर की बेहतरीन देन है यह पानी सभी के लिए फायदेमंद और सूट करने वाला है । यहां के लोग इस पानी को पीकर तरोताजा और ऊर्जावान महसूस करते हैं जमजम के पानी का स्वाद सभी को एक जैसा लगता है इस पानी को रसायन डालकर शुद्ध करने की भी जरूरत नहीं है ।
मक्का में हिंदू मंदिर
दोस्तों ऐसा माना आता है कि मुसलमानों का सबसे बड़ा तीर्थ मक्केश्वर महादेव का मंदिर था, काले रंग का शिवलिंग था जो खंडित अवस्था में अब भी वहां पर है । हज के समय संगे अस्वद यानी कि काला पत्थर कहकर मुसलमान उसे ही पूजते हैं और चूमते हैं । इसके बारे में प्रसिद्ध इतिहासकार स्वर्गीय पी एन ओक ने अपनी पुस्तक वैदिक विश्व राष्ट्र का इतिहास में बहुत विस्तार से लिखा है । यह भी कहां जाता है कि अरब में मोहम्मद पैगंबर से पहले शिवलिंग को लाद कहां जाता था मक्का के काबा में जिस काले पत्थर की उपासना की जा रही है । भविष्य पुराण में उसका उल्लेख मक्केश्वर के रूप में हुआ है इस्लाम के प्रसार में पहले इसराइल और अन्य यहूदियों द्वारा इसके पूजा किए जाने के प्रमाण मिलते हैं । दोस्तों यह बात कितनी सच है इस बारे में कुछ कहां नहीं जा सकता यह बात एक अफवाह भी हो सकती है ।
मक्का के ऊपर प्लेन नहीं उड़ता
मक्का के ऊपर से कभी कोई हवाई जहाज नहीं गुजरता है और ऐसा भी कहां जाता है पक्षी भी इसके ऊपर से नहीं जाते हैं बल्कि अपना रास्ता बदल लेते हैं । काबा दरअसल हमारी धरती का केंद्र बिंदु है और यह पृथ्वी का ग्रेविटेशनल सेंटर भी है इसीलिए कोई भी एरोप्लेन इसके ऊपर से नहीं उड़ सकता इसलिए पक्षी भी इस काबे के ऊपर से जाकर घूम कर जाते हैं । लेकिन ऐसा नहीं है धरती का ग्रेविटेशनल सेंटर सतह से 64000 किलोमीटर नीचे है इसका प्रभाव आसमान तक नहीं पहुंच सकता । सऊदी सरकार ने अपने देश में रूल और रेगुलेशन को बहुत स्ट्रिक्टली फॉलो करवाती है । जब मक्का में गैर मुस्लिम नहीं जा सकते इसलिए सऊदी सरकार ने मक्का को नो फ्लाइंग जोन घोषित कर रखा है ताकि काबे के ऊपर से कोई गैर मुस्लिम ना गुजर सकें, चाहे वह प्लेन में हीं क्यों ना हो । आप कई वीडियोस में काबा के ऊपर से पक्षी को उड़ते हुए देख सकते हैं जो लोग काबा से होकर आए हैं वह बताते हैं काबा के ऊपर कबूतर और कई परिंदे आसानी से नजर आ जाते हैं यह सिर्फ एक अफवाह है ।
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