भारत का सबसे बड़ा मंदिर कौन सा है | Largest Temple In India In Hindi

 

Bharat Ka Sabse Bada Mandir
Bharat Ka Sabse Bada Mandir


Bharat Ka Sabse Bada Mandir Kon Sa Hai Aur kha Per hai


क्या आप जानते है भारत का सबसे बड़ा मंदिर कौन सा है और यह कहा पर स्थित है. चलिए आज हम इंडिया के सबसे बड़े भव्य हिंदुओ के टेम्पल के बारे में जानकारी बताते है.

प्राचीन काल से ही हिंदुस्तान आस्था का प्रतीक माना जाता है. आप छोटे से छोटे गाँव, कस्बे, और गली मोहल्ले में चले जाए आपको किसी देवी देवता का एक मंदिर जरुर मिलेगा. आने वाले समय में अयोध्या में बन रहा श्री राम जी का भव्य बड़ा धार्मिक स्थान होगा. 

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भारत का सबसे बड़ा मंदिर कौन सा है

वैसे तो इंडिया में हिन्दुओ के बहुत से प्रसिद्ध टेम्पल है. भारत में सबसे बड़ा हिंदू मंदिर श्री रंगनाथस्वामी जी का माना जाता है. यह दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्ये के शहर तिरुचिरापल्ली में स्थित है.

156 एकड़ में फैला श्री रंगनाथस्वामी भगवान विष्णु जी के इस टेम्पल के पुरे परिसर में शहर बसा हुआ है. यहाँ पुरे भारत हिन्दू धर्म के लोग भगवान विष्णु का दर्शन करने आते है. यहाँ धार्मिक स्थान होने के साथ पर्यटन नगरी भी है. इसकी खूबसूरती को देखने हर साल लाखो विदेशी पर्यटक यहाँ आते है.

श्री रंगनाथस्वामी मंदिर का निर्माण 9 वीं शताब्दी के करा गया था. मंदिर की सांस्कृतिक विरासत संरक्षण हेतु यूनेस्को एशिया प्रशांत मेरिट पुरस्कार दिया गया है. इस टेम्पल को बनाने में द्रविड़ शैली की वास्तुकला का इस्तेमाल करा गया है.

इस मंदिर में 1000 साल पुरानी ममी को संरक्षित करकर रखा गया है. इस सबसे बड़े धार्मिक स्थान को 7 संकेंद्रित दीवारी अनुभागों और 21 गोपुरम से बनाया गया है. मंदिर की चोटियों को गोपुरम कहा जाता है. इस गोपुरम के ऊपर से श्रीलंका के तट को आसानी से देखा जा सकता है.


श्रीरंगम मंदिर का ऐतिहासिक महत्व

इतिहासकारों के अनुसार, मंदिर का इतिहास ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी का है. अन्य निष्कर्षों से पता चलता है कि मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी ईस्वी में गंगा द्वारा किया गया था, जो एक शासक राजवंश था जो कावेरी के तट पर पनपा था। दो नदियों के बीच बसा एक द्वीप होने के कारण, इस पर कई बार आक्रमण किया गया लेकिन यह बढ़ते भक्ति आंदोलन के लिए एक प्रभावशाली केंद्र बना रहा. 

हाल ही में, श्रीरंगम मंदिर की सदियों पुरानी विरासत को नुकसान पहुंचाए बिना नवीनीकरण और सौंदर्यीकरण कार्य करने के लिए अंतरराष्ट्रीय निकाय द्वारा सराहना की गई. ऐतिहासिक श्री रंगनाथस्वामी मंदिर सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण का राष्ट्रीय प्रतीक बन गया और यूनेस्को से मेरिट का पुरस्कार प्राप्त किया. श्रीरंगम मंदिर के नाम के आगे कुल 247 पसुराम हैं। सभी विचारधाराओं के महान आचार्यों- अद्वैत, द्वैत और विशिष्टाद्वैत ने मंदिर के अत्यधिक महत्व को पहचाना है. 


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